public gambling act 1867 in hindi
सरवजनक जआ अधनयम, 1867 Public Gambling Act, 1867 1867 क सरवजनक जआ अधनयम पबलक गबलग एकट एक ऐतहसक कनन थ ज बरटश भरत म जआ क नयतरत करत थ यह अधनयम सरवजनक सथन पर जआ खलन क खलफ थ और पलस क जआ खलन और जआ सचलत करन वल लग क गरफतर करन क अधकर दत थ अधनयम क परमख बद: सरवजनक जआ क नषध: यह अधनयम सरवजनक सथन पर जआ खलन क अवध घषत करत थ इसम सडक, सरवजनक उदयन, दकन और रसतर शमल थ सरवजनक सथन पर जआ घर क परतबध: अधनयम न सरवजनक सथन पर जआ घर क सथपत करन और सचलत करन पर रक लग द जआ खलन और सचलत करन वल क खलफ कररवई: अधनयम न पलस अधकरय क बन वरट क जआ खलत पए गए लग क गरफतर करन क अधकर दय थ जआ सचलत करन वल क भ गरफतर कय ज सकत थ जआ समगर क जबत: पलस क जआ खलत समय उपयग कए जन वल पस, करड, पस आद क जबत करन क अधकर थअधनयम क उददशय:इस अधनयम क मखय उददशय सरवजनक वयवसथ बनए रखन और जआ स सबधत अपरध क रकन थ जआ क अकसर एक समजक बरई मन जत थ ज गरब और अपरध क करण बनत थअधनयम क परभव:इस अधनयम न भरत म जआ क परत समजक दषटकण क बदलन म महतवपरण भमक नभई हलक, यह अधनयम परण रप स परभव नह रह और गपत जआ घर क सचलन जर रहआज क परसगकत:आज भ भरत म जआ क नयम क पलन करन क आवशयकत ह और कई रजय अपन सवय क जआ अधनयम क पलन करत ह हलक, 1867 क सरवजनक जआ अधनयम भरतय इतहस म एक महतवपरण कनन ह जसन भरत म जआ क नयमन क आकर दय